सुनहरी कोठी राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है जो टोंक से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सुनहरी कोठी दिखने में इतनी अदभुद है कि यह दूर-दूर से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। टोंक में स्थित सुनहरी कोठी राजस्थान भारत की खूबसूरत हवेलियों में से एक है, जिसे टोंक की गोल्डन मेंशन भी कहा जाता है। अगर आप टोंक की यात्रा करने जा रहें हैं तो आपको इस भव्य स्मारक को देखने के लिए जरुर जाना चाहिए।
आपको बता दें कि बाहर से यह संरचना आम हवेलियों की तरह है लेकिन इसे अंदर बहुत ही भव्यता के साथ सजाया गया है। सुनहरी कोठी की दीवारें कांच के वर्क, फूलों की पेंटिंग्स और शानदार कलाकृतियों से सजी हुई है। इसके साथ ही दीवारों पर सोने की पोलिश भी की गई है।
देश विदेश में कभी विख्यात रही सुनहरी कोठी अब सुनहरी नहीं रही। उसके जीर्णोद्धार के नाम पर पिछले कई वर्षों से कार्य चल रहा है। जो पूरा नहीं हो पा रहा है। इसके कारण कोठी आम लोगों की नजरों से जहां दूर हो गई है। वहीं जो कार्य रियासत के समय था वो अब नजर नहीं आ रहा है। जर्जर हालत में सुनहरी कोठी की स्थिति दिखाई देने लगी है। अब वो अपने पुराने वैभव में लौट पाएगी इसकी भी संभावनाएं कम ही लगती हैं।
टेलीग्राम ज्वाइन करेयहाँ क्लिक करे वो सुनहरी कोठी जिसमें रियासत काल में सियासी गुफ्तगू के साथ ही कई चर्चाएं होती थी। वो सियासी उदासीनता के कारण अपने वैभव को बरकरार नहीं रख पाई। बहरहाल आज जो सुनहरी कोठी की स्थिति है काफी दयनीय बनी हुई है। करीब 10 साल पहले इसके विकास के लिए 78 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। लेकिन इस राशि से उसका जीर्णोद्धार नहीं किया जा सका। इस कोठी की नक्काशी जो रियासत काल में की गई थी, वो काम, कार्य एजेंसी कर नहीं पाई। जानकारों की माने तो वो कार्य अब होना भी काफी मुश्किल लगता है। अंदर इसके खूबसूरत सुनहरी पिल्लरों पर में सफेद पॉलिथीन बंधी है, ऐसा लगता है कि सुनहरी इतिहास पर प्लास्टर बंधा हुआ हो।
कभी ऐसी थी चमक
इतिहास : वर्ष 1824 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य, तब 10 लाख रुपए की लागत आई थी कोठी का निर्माण कार्य 1824 में शुरू हुआ तथा चौथे नवाब इब्राहिम अली खां के समय इसका कार्य पूरा हुआ। ये कोठी उस समय बनी जब सोना 15 रुपए तोला हुआ करता था तथा मजदूरी 15 पैसे हुआ करती थी। उस समय ये 10 लाख रुपए की लागत से बनी थी। नई दिल्ली में 2014 में आयोजित 34वें व्यापार मेले में राजस्थान मंडप का प्रमुख आकर्षण का केंद्र सुनहरी कोठी की तस्वीर रही। हालांकि कोठी के बाहरी हिस्से में विकास कार्य प्रगति पर है। लेकिन कोठी का जो विकास होना चाहिए वो नहीं हो पा रहा है। जहां कभी सोने की नक्काशी चमचमाती थी, वहां पर अब उजड़ी स्थितियां अधिक नजर आ रही है।
अगर आप सुनहरी कोठी के बारे में अन्य जानकारी तो इस लेख को जरुर पढ़ें जिसमे हम आपको सुनहरी कोठी के इतिहास और यहां जाने के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहें हैं –